शिक्षक बनने के लिए B.Ed. के नए कोर्स अपडेट: 3 अनिवार्य कोर्स और 1 वर्षीय B.Ed. की नई योजना
हाल ही में, नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (NCTE) ने शिक्षक बनने के लिए बी.एड. कोर्स में बदलाव की घोषणा की है। NCTE के नए दिशा-निर्देशों के तहत शिक्षक बनने के लिए अब तीन नए और अनिवार्य कोर्स पेश किए गए हैं, जिसमें पुराने कोर्सेस को चरणबद्ध तरीके से बंद किया जा रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य शिक्षण क्षेत्र में उच्च गुणवत्ता वाले शिक्षकों की भर्ती सुनिश्चित करना है।
विद्यालय में शिक्षक बनने के लिए अब तीन प्रकार के रास्ते हैं पुराने कोर्स में कुछ बड़ा बदलाव भी किया गया है जिसके बाद में वर्तमान में तीन कोर्स चल रहे हैं जिनके आधार पर आप शिक्षक बन सकते हैं उनके बारे में आज हम आपको बता रहे हैं।स्कू
ल टीचर कैसे बन सकते हैं इसकी राह 12वीं के बाद से ही शुरू हो जाती है आप 12वीं के बाद या ग्रेजुएशन के बाद में अपना करियर इसके अंदर आजमा सकते हैं विद्यालय में टीचर बनने के लिए तीन रास्ते हैं पहले रास्ता है कि आप 12वीं के बाद में 2 वर्षीय डीएलएड या डिप्लोमा इन एलिमेंट्री एजुकेशन कोर्स कर सकते हैं यह कोर्स 2 साल का है जो की 12वीं के बाद में किया जा सकता है।
इसके बाद में हम बात करते हैं बेड की तो 4 वर्षीय इंटीग्रेटेड टीचर एजुकेशन प्रोग्राम और ग्रेजुएशन के बाद 2 वर्षीय बीएड प्रोग्राम चलता है 4 वर्षीय कोर्स नया शुरू किया गया है जिसके लिए अभी पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर इसको शुरू कर दिया गया है अगर आप 2 वर्ष से बीएड पाठ्यक्रम करते हैं तो उसके लिए योग्यता स्नातक पास रखी गई है।
शिक्षा नीति के अंतर्गत ग्रेजुएशन कोर्स के साथ ही 4 वर्ष का b.ed पाठ्यक्रम होता है इसमें आप b.ed भी और कॉलेज यानी ग्रेजुएशन दोनों साथ में कर सकते हैं इसके अलावा नई शिक्षा नीति के अंतर्गत ग्रेजुएशन ऑनर्स की अवधि भी चार वर्ष हो गई है जिसके बाद b.ed करने वाले छात्रों के लिए 1 वर्षीय बीएड पाठ्यक्रम प्रारंभ करने पर भी विचार किया जा रहा है।
नए पाठ्यक्रम 4 वर्षीय आईटीएफ के अंतर्गत ग्रेजुएशन और बेड की संयुक्त डिग्री प्रदान की जाती है देश में टीचिंग कोर्स की मान्यता देने वाली संस्था नेशनल काउंसलिंग फॉर टीचर एजुकेशन यानी एनसीटीई द्वारा वर्तमान में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर कुछ कर सरकारी बीएड कॉलेजों को आईटीपी कोर्स चलाने की वर्तमान में अनुमति दी गई है जिसका आकलन करने के बाद में निजी बीएड संस्थानों में भी इस कोर्स को चलाया जाएगा।
इस प्रकार मुख्य रूप से बात करें तो वर्तमान में तीन कोर्स चल रहे हैं उपरोक्त तीनों में मूल अंतर यह है कि दसवीं के बाद आप 2 वर्षीय डीएलएड करने के बाद आप प्राइमरी कक्षा यानी कक्षा 5 तक की शिक्षक बन सकते हैं जबकि सेकेंडरी कक्षाओं के लिए आपके पास में बीएड या आईटीपी की डिग्री होनी चाहिए।
DElEd, BEd, ITEP करने के बाद टीचर बनने की पात्रता हासिल करने के लिए सीबीएसई की सीटीईटी या टीईटी एग्जाम भी पास करना होता है, फर्स्ट क्लास से नीचे यानी नर्सरी प्री नर्सरी लेवल के बच्चों को पढ़ाने के लिए एनटीटी का कोर्स करना होता है।
ग्रेजुएशन ऑनर्स या पोस्ट ग्रेजुएशन के बाद 1 वर्ष बीएड कार्यक्रम शुरू होने में अभी कुछ समय लग सकता है जिसकी तैयारियां वर्तमान में की जारी है यहां पर हम आपको बता दें की नई शिक्षा नीति के तहत 2 वर्षीय B.Ed कार्यक्रम को भी बंद किया जाएगा ऐसी ही सूचनाओं समय-समय पर व्हाट्सएप पर प्राप्त करने के लिए आप हमारे व्हाट्सएप चैनल से जुड़ सकते हैं।
नए कोर्स की संरचना
NCTE के अनुसार, अब तीन मुख्य कोर्स की संरचना निर्धारित की गई है:
- 4-वर्षीय इंटीग्रेटेड टीचर एजुकेशन प्रोग्राम (ITEP): यह कोर्स 12वीं कक्षा के बाद शुरू किया जा सकता है, जिसमें बी.एड. को इंटीग्रेट करके चार वर्षों में पूरा किया जा सकेगा।
- 2-वर्षीय B.Ed. प्रोग्राम: यह कोर्स स्नातक (ग्रेजुएशन) के बाद किया जा सकता है, जो पहले से मौजूद कोर्स का एक अपडेटेड रूप है।
- 1-वर्षीय B.Ed. कोर्स: इस कोर्स को उन उम्मीदवारों के लिए शुरू किया गया है, जिन्होंने पहले ही मास्टर डिग्री प्राप्त कर ली है। यह कोर्स शिक्षण में विशेषज्ञता की ओर कदम बढ़ाने के इच्छुक पोस्टग्रेजुएट छात्रों के लिए उपयुक्त है।
पात्रता और आवेदन प्रक्रिया
- पात्रता: 4-वर्षीय प्रोग्राम के लिए 12वीं पास छात्र, 2-वर्षीय के लिए ग्रेजुएट्स, और 1-वर्षीय कोर्स के लिए मास्टर डिग्री वाले छात्र पात्र होंगे।
- दस्तावेज़: आवेदन के समय आधार कार्ड, शैक्षणिक प्रमाणपत्र, फोटो, और मार्कशीट जैसी मूल दस्तावेज़ जरूरी होंगे।
- आवेदन प्रक्रिया: ऑनलाइन पोर्टल पर आवेदन पत्र भरकर दस्तावेज़ अपलोड करने होंगे। चयन प्रक्रिया में योग्यता के आधार पर सूची जारी की जाएगी।
योजना के लाभ और उद्देश्य
NCTE का उद्देश्य इस संरचना से शिक्षण के क्षेत्र में नवाचार लाना और छात्रों को आधुनिक शिक्षण विधियों के लिए तैयार करना है। ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए यह योजना एक मील का पत्थर साबित हो सकती है। 1-वर्षीय कोर्स से स्नातकोत्तर योग्य छात्र कम समय में शिक्षक बन सकते हैं, जिससे उच्च शिक्षा प्राप्त युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
इस नए बदलाव की वजह से शिक्षण की गुणवत्ता में सुधार होगा और छात्रों को एक स्थायी और सम्मानजनक करियर में योगदान का अवसर मिलेगा।
अधिक जानकारी और आवेदन संबंधित तिथियों के लिए आप NCTE की वेबसाइट पर भी जा सकते हैं।