हाल ही में लद्दाख में भारत-चीन सीमा पर पेट्रोलिंग को लेकर एक विवाद की खबर सामने आई थी। कुछ रिपोर्टों में यह दावा किया गया कि पूर्वी लद्दाख के देपसांग क्षेत्र में दोनों देशों के सैनिकों के बीच फिर से टकराव हुआ है। इन दावों के चलते सीमा पर तनाव की स्थिति की अटकलें लगाई जा रही थीं।
हालांकि, भारतीय सेना ने इन अटकलों पर विराम लगाते हुए स्पष्ट किया कि सीमा पर ऐसा कोई टकराव नहीं हुआ है और इन खबरों को "फर्जी" करार दिया। सेना ने लोगों से अपील की है कि वे अफवाहों से बचें और इस प्रकार की असत्यापित खबरों पर भरोसा न करें। सेना की यह प्रतिक्रिया सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर दी गई, जहां उन्होंने सीमा पर किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना से इनकार किया
यह स्पष्टीकरण ऐसे समय आया है जब भारत और चीन के बीच सीमा संबंधी तनाव को कम करने के लिए कई उच्च-स्तरीय वार्ताएं हो चुकी हैं। दोनों देशों के बीच ब्रिक्स सम्मेलन से पहले पेट्रोलिंग व्यवस्था को लेकर भी एक समझौता हुआ है, जिसका उद्देश्य 2020 से उत्पन्न तनाव को कम करना है और सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बहाल करना है
पूर्वी लद्दाख के देपसांग क्षेत्र में भारत और चीन के बीच सैन्य वार्ता में गतिरोध होने की अटकलों को भारतीय सेना ने खारिज कर दिया है। सेना ने गुरुवार को अपने X (ट्विटर) अकाउंट पर पोस्ट करते हुए कहा कि कोई भी बाधा या विरोध उत्पन्न नहीं हुआ है। सेना ने कुछ मीडिया रिपोर्टों को "काल्पनिक और तथ्यहीन" बताया। सेना के अतिरिक्त महानिदेशक जनसंपर्क ने कहा कि बुधवार और गुरुवार को प्रकाशित कुछ रिपोर्टों में देपसांग और डेमचोक में गतिरोध की बात कही गई थी।
भारतीय सेना के अनुसार, "यह स्पष्ट किया जाता है कि देपसांग और डेमचोक में डिसएंगेजमेंट पूरा हो चुका है और सहमति के अनुसार योजना के तहत पारंपरिक क्षेत्रों में पेट्रोलिंग शुरू हो चुकी है। इस प्रक्रिया में किसी प्रकार का कोई अवरोध नहीं है।" सेना ने संबंधित मीडिया हाउसों को आगाह किया कि संवेदनशील मामलों पर तथ्य जांचकर ही रिपोर्ट प्रकाशित की जाए ताकि किसी प्रकार की भ्रामक जानकारी न फैलाई जाए।
सेना ने कहा, "इस संबंध में प्रकाशित लेख काल्पनिक और तथ्यहीन हैं। मीडिया हाउसों से अनुरोध है कि ऐसे संवेदनशील मुद्दों पर तथ्यों की जांच और सत्यापन के बाद ही रिपोर्ट प्रकाशित करें और अनावश्यक रूप से भ्रामक जानकारी न फैलाएं।"